ज़मीं के नीचे धड़कता है कोई टूटा दिल, यूँ ही नहीं आते ये तेज़ जलज़ले। |
टूटी चीजों का मैं भरोसा नहीं करता मगर, दिल तो अब भी कहता है कि तुम मेरे हो। |
मोहब्बत की तलाश में निकले हो तुम अरे ओ पागल, मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद करना हो। |
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया, कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ, कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है, कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ। |
मुस्कुराने की आदत कितनी महंगी पड़ी मुझे, याद करना ही छोड़ दिया उसने ये सोचकर कि मैं बहुत खुश हूँ। |
जरुरी नही कि कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाये, लहजा बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है। |
दर्द कभी कम नही होता ऐ सनम, बस सहने की आदत सी हो जाती है। |
किसे सुनाएँ अपने गम के चन्द पन्नों के किस्से, यहाँ तो हर शख्स भरी किताब लिए बैठा है। |
कितना कुछ जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में; मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यों हो। |
एक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर, फिर उम्र भर लहरों से मेरी दुश्मनी हो गयी। |