बेवफ़ाई Hindi Shayari

  • वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन;<br/>
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले;<br/>
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था;<br/>
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।Upload to Facebook
    वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन;
    वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले;
    चिराग तमन्ना का जला तो दिया था;
    मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।
  • तू देख कि तेरी जफा के बाद रिश्तों का क्या हाल हुआ;
    मोहब्बत गयी लगन गयी ऐतबार गया यूं हर रिश्ता हमारा हार गया।
  • बिखरे हुए दिल ने भी उसके लिए फरियाद मांगी;
    मेरी साँसों ने भी हर पल उसकी ख़ुशी मांगी;
    जाने क्या मोहब्बत थी उस बेवफ़ा में;
    कि मैंने आखिरी फरियाद में भी उनकी वफ़ा मांगी।
  • मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है;
    ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है;
    देकर वो आपकी आँखों में आँसू;
    अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।
  • एक बार फिर से निकलेंगे तलाश-ए-इश्क़ में;<br/>
दुआ करो यारो इस बार कोई बेवफ़ा न मिले!Upload to Facebook
    एक बार फिर से निकलेंगे तलाश-ए-इश्क़ में;
    दुआ करो यारो इस बार कोई बेवफ़ा न मिले!
  • कुछ ,मोहब्बत का नशा था पहले हम को 'फ़राज़';
    दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गयी।
  • कभी हम भी इसके क़रीब थे​;<br/>​​दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे​;​<br/>​​मगर आज ऐसे मिला है वो​;​<br/>​कभी पहले जैसे मिला ना हो​।Upload to Facebook
    कभी हम भी इसके क़रीब थे​;
    ​​दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे​;​
    ​​मगर आज ऐसे मिला है वो​;​
    ​कभी पहले जैसे मिला ना हो​।
    ~ Bashir Badr
  • ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे;<br/>
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;<br/>
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;<br/>
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।Upload to Facebook
    ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे;
    आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
    ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया;
    वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
  • सारी फितरत तो नकाबों में छुपा रखी थी​;
    ​सिर्फ तस्वीर उजालों में लगा रखी थी।
    ~ Rahat Indori
  • चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है​;​​<br/>
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है​;​​<br/>
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​;​​<br/>
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है। Upload to Facebook
    चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है​;​​
    इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है​;​​
    महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​;​​
    जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
    ~ Rahat Indori