बेवफ़ाई Hindi Shayari

  • तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्त;
    क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं;
    कहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँ;
    कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं।
  • कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में;<br/>
वैसे संभालना हम भी जानते थे;<br/>
ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से;<br/>
जिसे हम अपना मानते थे।Upload to Facebook
    कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में;
    वैसे संभालना हम भी जानते थे;
    ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से;
    जिसे हम अपना मानते थे।
  • किया अपना बन कर जो तूने सनम;
    ना गैरों से वो कभी गैर करे;
    अगर हमें छोड़ कर जाना चाहते हो;
    जाओ चले जाओ अल्लाह खैर करे।
  • तुने जो मिटा डाला था मुझको बेवफा;
    मेरी पाक मुहब्बत की एक तासीर अभी बाकी है।
  • एक इंसान मिला जो जीना सिखा गया;<br/>
आंसुओं की नमी को पीना सिखा गया;<br/>
कभी गुज़रती थी वीरानों में ज़िंदगी;<br/>
वो शख्स वीरानों में महफ़िल सजा गया।Upload to Facebook
    एक इंसान मिला जो जीना सिखा गया;
    आंसुओं की नमी को पीना सिखा गया;
    कभी गुज़रती थी वीरानों में ज़िंदगी;
    वो शख्स वीरानों में महफ़िल सजा गया।
  • काफ़िर हुए थे जिस की मोहब्बत में कल हम;
    आज वही शख्स किसी और के लिए मुस्लमान हो गया।
  • ​कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर;<br/>
छोड़ गए वो हमको अकेला मजबूरियों के नाम पर।Upload to Facebook
    ​कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर;
    छोड़ गए वो हमको अकेला मजबूरियों के नाम पर।
  • महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है;
    मिलें ना सही, जुदाई तो मिलती है;
    प्यार में कुछ नहीं मिलता;
    वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है।
  • कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी;<br/>
राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।Upload to Facebook
    कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी;
    राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।
  • ​यह ना थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता;
    अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता;
    तेरे वादे पर जाएँ हम, तो यह जान झूठ जाना;
    कि ख़ुशी से मर ना जाते, अगर ऐतबार होता।
    ~ Mirza Ghalib