नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता; गौर फरमाइएगा; नहीं करती थी प्यार तो, मुझे बताया होता; बुला के पार्क में यूं धोखे से अपने भाइयो से; तो ना पिटवाया होता। |
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे; तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे; किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा; हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे। |
लगाया है जो दाग तूने हमें बेवफ़ा सनम; हाय मेरी पाक मुहब्बत पर; लगाये बैठे हैं इसे अपने सीने से हम; प्यार की निशानी समझ कर। |
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है; सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है; उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता; उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है! |
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की; कुछ ज़माना खिलाफ हुआ, कुछ वो बेवफा हो गए! |
हर धड़कन में एक राज़ होता है; बात को बताने का एक अंदाज़ होता है; जब तक ठोकर न लगे बेवाफ़ाई की; हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है। |
जनाजा मेरा उठ रहा था; फिर भी तकलीफ थी उसे आने में; बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी; और कितनी देर है दफनाने में! |
उसके चेहरे पर इस कदर नूर था; कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था; बेवफ़ा भी नहीं कह सकते उसको फराज़; प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था। |
उन पंछियों को कैद में रखना आदत नही हमारी; जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर गैरों के साथ उड़ने का शौक रखते हों! |
ऐसा नहीं कि आप हमें याद नहीं आते; माना कि जहाँ के सब रिश्ते निभाये नहीं जाते; पर जो बस जाते हैं दिल में वो भुलाए नहीं जाते; बेवफाओं से हर तरह के रिश्ते निभाये नहीं जाते। |