दिल में आंसुओं के मेले हैं; तुम बिन, हम बहुत अकेले हैं; सब कुछ छोड़कर, "एस एम् एस" तुम्हें करते हैं; देखो हम कितने वेल्ले हैं! |
वो मेरी किस्मत मेरी तकदीर हो गयी; हमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे कि; वह 'रद्दी' बेचकर ही अमीर हो गयी! |
राम युग में दूध मिला, कृषण युग में घी; इस युग में दारू मिली, खूब दबाकर पी! |
मौसम बड़ा बेहाल है; सुर है, न ताल है; मैसेज बॉक्स भी कंगाल है; क्या आपकी मैसेज फैक्ट्री में भी हड़ताल है? |
होठों को छुआ उसने तो, एहसास अब तक है; आंखे नम हुई तो सांसो में आग अब तक है; वक़्त गुजर गया, पर उसकी याद नही गई; क्या कहूं, "हरी मिर्च का स्वाद अब तक है!" |
कभी खुली हवा मे घुमते थे; अब "ए. सी." की आदत लगायी है! धुप हम्से सहन नही होती; हर कोई देता यही दुहाई है! |
तुमसा कोई दूसरा जमीन पर हुआ; तो रब से शिकायत होगी! एक का तो झेला नहीं जाता; दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी! |
जब होता है तुम्हारा दीदार, दिल धड़कता है बार-बार; आदत से मजबूर हो तुम, ना जाने कब माँग लो उधार! |
ऐसी बाणी बोलियें की सबसे झगड़ा होए; पर उससे झगड़ा न करिये, जो अपने से तगड़ा होए! |
दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझको; बस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए! |