चूल्हे पे रखा तवा गर्म है; वाह-वाह; चूल्हे पे रखा तवा गर्म है; आज कल की लड़कियों से ज़्यादा तो लड़कों में शर्म है! |
कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए; महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए! |
क्या सुनाएँ हम आपको दास्ताँ-ए-गम; अर्ज किया है; क्या सुनाएँ हम आपको दास्ताँ-ए-गम; जब से आप मिले हो परेशान हो गए हैं हम! |
खुदा के घर से कुछ गधे फरार हो गए; कुछ तो पकडे गए, और कुछ हमारे यार हो गए! |
लिखना पढ़ना छोड़ दे बन्दे नेकियों पर रख आस; चादर उठा और आराम से सो जा भगवान् करेंगे पास! |
मैं अपने घर गया वो अपने घर गयी; फिर मुझको क्या खबर कि वहां से वो किधर गयी! |
क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहँदी; हम भी अब सेहरा सजायेंगे; तो क्या हुआ अगर वो हमारे नसीब में नहीं; अब हम उसकी छोटी बहन पटायेंगे! |
शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; चुपचाप सुन लो नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे; क्योंकि मेरे पास है छुरी! |
मोहब्बत करने वालों को इनकार अच्छा नहीं लगता; इस दुनिया के बाशिंदों को इकरार अच्छा नहीं लगता; जब तक लड़का भगा नहीं ले जाए लड़की को; तब तक लोगों को प्यार सच्चा नहीं लगता! |
मुस्कुरा कर लडको को पागल बनाना तो हसीनो की इक अदा है; अर्ज़ किया है; मुस्कुरा कर लडको को पागल बनाना तो हसीनो की इक अदा है; और जो कमबख्त उसे मोहब्बत समझे वो सबसे बड़ा गधा है! |