Akhtar Ansari Hindi Shayari

  • जब से मुँह को लग गई अख़्तर मोहब्बत की शराब,<br/>
बे-पिए आठों पहर मदहोश रहना आ गया।Upload to Facebook
    जब से मुँह को लग गई अख़्तर मोहब्बत की शराब,
    बे-पिए आठों पहर मदहोश रहना आ गया।
    ~ Akhtar Ansari