Akhtar Saeed Khan Hindi Shayari

  • ये दश्त वो है जहाँ रास्ता नहीं मिलता;</br>
अभी से लौट चलो घर अभी उजाला है!Upload to Facebook
    ये दश्त वो है जहाँ रास्ता नहीं मिलता;
    अभी से लौट चलो घर अभी उजाला है!
    ~ Akhtar Saeed Khan
  • बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम से;</br>
बहुत अज़ीज़ सही ऐतबार कुछ भी नहीं!Upload to Facebook
    बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम से;
    बहुत अज़ीज़ सही ऐतबार कुछ भी नहीं!
    ~ Akhtar Saeed Khan
  • तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है;<br/>
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती!Upload to Facebook
    तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है;
    ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती!
    ~ Akhtar Saeed Khan
  • किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में;<br/>
मेरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं!Upload to Facebook
    किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में;
    मेरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं!
    ~ Akhtar Saeed Khan