Brij Narayan Chakbast Hindi Shayari

  • बाग़ में ले के जन्म हम ने असीरी झेली;<br/>
हम से अच्छे रहे जंगल में जो आज़ाद रहे!
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    बाग़ में ले के जन्म हम ने असीरी झेली;
    हम से अच्छे रहे जंगल में जो आज़ाद रहे!
    ~ Brij Narayan Chakbast