Erum Zehra Hindi Shayari

  • मैं कई बरसों से तेरी जुस्तुजू करती रही;<br/>
इस सफ़र में आरज़ूओं का लहू करती रही!Upload to Facebook
    मैं कई बरसों से तेरी जुस्तुजू करती रही;
    इस सफ़र में आरज़ूओं का लहू करती रही!
    ~ Erum Zehra