शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास; दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं! |
बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम; जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई! |
अगर बदल न दिया आदमी ने दुनिया को; तो जान लो कि यहाँ आदमी की ख़ैर नहीं! |
कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं; ज़िंदगी तूने तो धोखे पे दिया है धोखा! |
खो दिया तुम को तो हम पूछते फिरते हैं यही; जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है! |
न कोई वादा न कोई यकीन न कोई उम्मीद; मगर हमें तो तेरा इंतज़ार करना था! |
रात भी नींद भी कहानी भी; हाए क्या चीज़ है जवानी भी! |
एक मुद्दत से तेरी याद भी आयी न हमें; और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं! |
मैं हूँ दिल है तन्हाई है; तुम भी होते अच्छा होता! |
मौत का भी इलाज हो शायद; ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं! |