Gulzar Dehlvi Hindi Shayari

  • उम्र जो बे-ख़ुदी में गुज़री है;</br>
बस वही आगही में गुज़री है!</br></br>
*आगही: समझ-बूझUpload to Facebook
    उम्र जो बे-ख़ुदी में गुज़री है;
    बस वही आगही में गुज़री है!

    *आगही: समझ-बूझ
    ~ Gulzar Dehlvi