Habib Jalib Hindi Shayari

  • दुनिया तो चाहती है यूँ ही फ़ासले रहें;</br>
दुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल!Upload to Facebook
    दुनिया तो चाहती है यूँ ही फ़ासले रहें;
    दुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल!
    ~ Habib Jalib
  • कोई तो परचम ले कर निकले अपने गरेबान का `जालिब`;<br/>
चारो जानिब सन्नाटा है, दीवाने याद आते है।Upload to Facebook
    कोई तो परचम ले कर निकले अपने गरेबान का "जालिब";
    चारो जानिब सन्नाटा है, दीवाने याद आते है।
    ~ Habib Jalib