Hasan Naim Hindi Shayari

  • कुछ उसूलों का नशा था कुछ मुक़द्दस ख़्वाब थे;<br />
हर ज़माने में शहादत के यही अस्बाब थे!Upload to Facebook
    कुछ उसूलों का नशा था कुछ मुक़द्दस ख़्वाब थे;
    हर ज़माने में शहादत के यही अस्बाब थे!
    ~ Hasan Naim