Hasrat Jaipuri Hindi Shayari

  • कहीं वो आ के मिटा दें न इंतज़ार का लुत्फ़,<br/>
कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।Upload to Facebook
    कहीं वो आ के मिटा दें न इंतज़ार का लुत्फ़,
    कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।
    ~ Hasrat Jaipuri