Irfan Siddiqi Hindi Shayari

  • हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चिराग;<br />
आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो!<br /><br />
*अहवाल: परिस्थितिUpload to Facebook
    हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चिराग;
    आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो!

    *अहवाल: परिस्थिति
    ~ Irfan Siddiqi
  • हमें तो ख़ैर बिखरना ही था कभी न कभी;</br>
हवा-ए-ताज़ा का झोंका बहाना हो गया है!Upload to Facebook
    हमें तो ख़ैर बिखरना ही था कभी न कभी;
    हवा-ए-ताज़ा का झोंका बहाना हो गया है!
    ~ Irfan Siddiqi
  • अब आ गयी है सहर अपना घर सँभालने को;</br>
चलूँ कि जागा हुआ रात भर का मैं भी हूँ!Upload to Facebook
    अब आ गयी है सहर अपना घर सँभालने को;
    चलूँ कि जागा हुआ रात भर का मैं भी हूँ!
    ~ Irfan Siddiqi
  • बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है;</br>
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है!Upload to Facebook
    बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है;
    उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है!
    ~ Irfan Siddiqi
  • तुम परिंदों से ज़्यादा तो नहीं हो आज़ाद;<br/>
शाम होने को है अब घर की तरफ़ लौट चलो!Upload to Facebook
    तुम परिंदों से ज़्यादा तो नहीं हो आज़ाद;
    शाम होने को है अब घर की तरफ़ लौट चलो!
    ~ Irfan Siddiqi