Jaleel Manikpuri Hindi Shayari

  • ये जो सिर नीचे किए बैठे हैं;</br>
जान कितनों की लिए बैठे हैं!Upload to Facebook
    ये जो सिर नीचे किए बैठे हैं;
    जान कितनों की लिए बैठे हैं!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • शब को मय ख़ूब पी, सुबह को तौबा कर ली;</br>
रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई।Upload to Facebook
    शब को मय ख़ूब पी, सुबह को तौबा कर ली;
    रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई।
    ~ Jaleel Manikpuri
  • होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू;</br>
जाता कहाँ है शमा को परवाना छोड़ कर!
*शमा: मोमबत्तीUpload to Facebook
    होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू;
    जाता कहाँ है शमा को परवाना छोड़ कर! *शमा: मोमबत्ती
    ~ Jaleel Manikpuri
  • जब से छूटा है गुलिस्ताँ हम से;</br>
रोज़ सुनते हैं बहार आई है!</br></br>
*गुलिस्ताँ: फूलों का बगीचाUpload to Facebook
    जब से छूटा है गुलिस्ताँ हम से;
    रोज़ सुनते हैं बहार आई है!

    *गुलिस्ताँ: फूलों का बगीचा
    ~ Jaleel Manikpuri
  • हाल तुम सुन लो मेरा देख लो सूरत मेरी;</br>
दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई!Upload to Facebook
    हाल तुम सुन लो मेरा देख लो सूरत मेरी;
    दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • दिल में वो भीड़ है कि ज़रा भी नहीं जगह;</br>
आप आइए मगर कोई अरमाँ निकाल के!Upload to Facebook
    दिल में वो भीड़ है कि ज़रा भी नहीं जगह;
    आप आइए मगर कोई अरमाँ निकाल के!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है;</br>
जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना!Upload to Facebook
    जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है;
    जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • आँखें साक़ी की जब से देखी हैं;<br/>
हम से दो घूँट पी नहीं जाती!Upload to Facebook
    आँखें साक़ी की जब से देखी हैं;
    हम से दो घूँट पी नहीं जाती!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • सच है एहसान का भी बोझ बहुत होता है;<br/>
चार फूलों से दबी जाती है तुर्बत मेरी!<br/><br/>
*तुर्बत: क़ब्र  Upload to Facebook
    सच है एहसान का भी बोझ बहुत होता है;
    चार फूलों से दबी जाती है तुर्बत मेरी!

    *तुर्बत: क़ब्र
    ~ Jaleel Manikpuri
  • सब कुछ हम उन से कह गए लेकिन ये इत्तेफ़ाक़;<br/>
कहने की थी जो बात वही दिल में रह गई!Upload to Facebook
    सब कुछ हम उन से कह गए लेकिन ये इत्तेफ़ाक़;
    कहने की थी जो बात वही दिल में रह गई!
    ~ Jaleel Manikpuri