कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर; और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया! |
तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है; तेरे आगे चाँद पुराना लगता है! |
कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा; मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा! |
सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है; हँसता चेहरा एक बहाना लगता है! |
ज़िन्दगी शायद इसी का नाम है, दूरियां मज़बूरियां तन्हाईयाँ। |