Kaif Bhopali Hindi Shayari

  • कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर;</br>
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया!Upload to Facebook
    कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर;
    और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया!
    ~ Kaif Bhopali
  • तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है;<br/>
तेरे आगे चाँद पुराना लगता है!Upload to Facebook
    तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है;
    तेरे आगे चाँद पुराना लगता है!
    ~ Kaif Bhopali
  • कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा;<br/>
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा!Upload to Facebook
    कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा;
    मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा!
    ~ Kaif Bhopali
  • सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है;<br/>
हँसता चेहरा एक बहाना लगता है!Upload to Facebook
    सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है;
    हँसता चेहरा एक बहाना लगता है!
    ~ Kaif Bhopali
  • ज़िन्दगी शायद इसी का नाम है,<br/>
दूरियां मज़बूरियां तन्हाईयाँ।Upload to Facebook
    ज़िन्दगी शायद इसी का नाम है,
    दूरियां मज़बूरियां तन्हाईयाँ।
    ~ Kaif Bhopali
  • तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले;
    तेरा हुस्न कुछ नहीं था मेरी शायरी से पहले;

    इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ;
    मेरा इश्क़ बे-मज़ा था तेरी दुश्मनी से पहले;

    कई इंक़लाब आए कई ख़ुश-ख़िराब गुज़रे;
    न उठी मगर क़यामत तेरी कम-सिनी से पहले;

    मेरी सुबह के सितारे तुझे ढूँढती हैं आँखें;
    कहीं रात डस न जाए तेरी रौशनी से पहले।
    ~ Kaif Bhopali
  • तेरा चेहरा सुब्ह का तारा लगता है;
    सुब्ह का तारा कितना प्यारा लगता है;

    तुम से मिल कर इमली मीठी लगती है;
    तुम से बिछड़ कर शहद भी खारा लगता है;

    रात हमारे साथ तू जागा करता है;
    चाँद बता तू कौन हमारा लगता है;

    किस को खबर ये कितनी कयामत ढाता है;
    ये लड़का जो इतना बेचारा लगता है;

    तितली चमन में फूल से लिपटी रहती है;
    फिर भी चमन में फूल कँवारा लगता है;

    'कैफ' वो कल का 'कैफ' कहाँ है आज मियाँ;
    ये तो कोई वक्त का मारा लगता है।
    ~ Kaif Bhopali