कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर; और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया! |
तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है; तेरे आगे चाँद पुराना लगता है! |
कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा; मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा! |
सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है; हँसता चेहरा एक बहाना लगता है! |
ज़िन्दगी शायद इसी का नाम है, दूरियां मज़बूरियां तन्हाईयाँ। |
तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले; तेरा हुस्न कुछ नहीं था मेरी शायरी से पहले; इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ; मेरा इश्क़ बे-मज़ा था तेरी दुश्मनी से पहले; कई इंक़लाब आए कई ख़ुश-ख़िराब गुज़रे; न उठी मगर क़यामत तेरी कम-सिनी से पहले; मेरी सुबह के सितारे तुझे ढूँढती हैं आँखें; कहीं रात डस न जाए तेरी रौशनी से पहले। |
तेरा चेहरा सुब्ह का तारा लगता है; सुब्ह का तारा कितना प्यारा लगता है; तुम से मिल कर इमली मीठी लगती है; तुम से बिछड़ कर शहद भी खारा लगता है; रात हमारे साथ तू जागा करता है; चाँद बता तू कौन हमारा लगता है; किस को खबर ये कितनी कयामत ढाता है; ये लड़का जो इतना बेचारा लगता है; तितली चमन में फूल से लिपटी रहती है; फिर भी चमन में फूल कँवारा लगता है; 'कैफ' वो कल का 'कैफ' कहाँ है आज मियाँ; ये तो कोई वक्त का मारा लगता है। |