या हाथों हाथ लो मुझे मानिंद-ए-जाम-ए-मय; या थोड़ी दूर साथ चलो मैं नशे में हूँ! मानिंद-ए-जाम-ए-मय: शराब के पात्र की तरह |
या हाथों हाथ लो मुझे मानिंद-ए-जाम-ए-मय; या थोड़ी दूर साथ चलो मैं नशे में हूँ! |
दिल से रुख़स्त हुई कोई ख़्वाहिश; गिर्या कुछ बे-सबब नहीं आता! Rukhsat, रुख़स्त: Departing Giryaa, गिर्या: Tears, Crying Be-Sabab, बे-सबब: Without any cause |
जी में क्या-क्या है अपने ऐ हम-दम; पर सुखन ता-बलब नहीं आता! |
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया, देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया। |