Mubarak Siddiqui Hindi Shayari

  • ख़िज़ां की रुत में गुलाब लहजा बनाके रखना, कमाल ये है;<br/>
हवा की ज़द पे दिया जलाना, जला के रखना, कमाल ये है!<br/><br/>
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    ख़िज़ां की रुत में गुलाब लहजा बनाके रखना, कमाल ये है;
    हवा की ज़द पे दिया जलाना, जला के रखना, कमाल ये है!

    ख़िज़ां - पतझड़
    ~ Mubarak Siddiqui