Nushur Wahidi Hindi Shayari

  • अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की;<br/>
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई!Upload to Facebook
    अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की;
    मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई!
    ~ Nushur Wahidi
  • दीया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है;<br/>

चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है!Upload to Facebook
    दीया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है;
    चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है!
    ~ Nushur Wahidi
  • कुछ सोच के इक राह-ए-पुर-ख़ार से गुज़रा था;<br/>
काँटे भी न रास आए दामन भी न काम आया! 
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    कुछ सोच के इक राह-ए-पुर-ख़ार से गुज़रा था;
    काँटे भी न रास आए दामन भी न काम आया!
    ~ Nushur Wahidi