P P Srivastava Rind Hindi Shayari

  • माना कि ज़लज़ला था यहाँ कम बहुत ही कम;<br/>
बस्ती में बच गए थे मकाँ कम बहुत ही कम!Upload to Facebook
    माना कि ज़लज़ला था यहाँ कम बहुत ही कम;
    बस्ती में बच गए थे मकाँ कम बहुत ही कम!
    ~ P P Srivastava Rind