Parveen Shakir Hindi Shayari

  • अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है</br>
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई कीUpload to Facebook
    अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
    जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
    ~ Parveen Shakir
  • देने वाले की मशिय्यत पे है सब कुछ मौक़ूफ़;</br>
माँगने वाले की हाजत नहीं देखी जाती!Upload to Facebook
    देने वाले की मशिय्यत पे है सब कुछ मौक़ूफ़;
    माँगने वाले की हाजत नहीं देखी जाती!
    ~ Parveen Shakir
  • धीमे सुरों में कोई मधुर गीत छेड़िए;<br/>
ठहरी हुई हवाओं में जादू बिखेरिए!Upload to Facebook
    धीमे सुरों में कोई मधुर गीत छेड़िए;
    ठहरी हुई हवाओं में जादू बिखेरिए!
    ~ Parveen Shakir
  • न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है,<br/>
के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया!Upload to Facebook
    न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है,
    के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया!
    ~ Parveen Shakir
  • मेरे हम-सकूँ का यह हुक्म था के कलाम उससे मैं कम करूँ;<br/>
मेरे होंठ ऐसे सिले के फिर उसे मेरी चुप ने रुला दिया!Upload to Facebook
    मेरे हम-सकूँ का यह हुक्म था के कलाम उससे मैं कम करूँ;
    मेरे होंठ ऐसे सिले के फिर उसे मेरी चुप ने रुला दिया!
    ~ Parveen Shakir
  • तेरे बदलने के बावसफ भी तुझ को चाहा है;<br/>
यह एतराफ़ भी शामिल मेरे गुनाहों में है!Upload to Facebook
    तेरे बदलने के बावसफ भी तुझ को चाहा है;
    यह एतराफ़ भी शामिल मेरे गुनाहों में है!
    ~ Parveen Shakir
  • यह मेरी ज़ात की सब से बड़ी तमन्ना थी,<br/>
काश, के वो मेरा होता, मेरे नाम की तरहँ!Upload to Facebook
    यह मेरी ज़ात की सब से बड़ी तमन्ना थी,
    काश, के वो मेरा होता, मेरे नाम की तरहँ!
    ~ Parveen Shakir
  • न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है;<br/>
के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया!
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    न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है;
    के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया!
    ~ Parveen Shakir
  • पूरा दुःख और आधा चाँद हिजर की शब और ऐसा चाँद,<br/>
इतने घने बादल के पीछे कितना तनहा होगा चाँद;<br/>
मेरी करवट पर जाग उठे नींद का कितना कच्चा चाँद,<br/>
सेहरा सेहरा भटक रहा है अपने इश्क़ में सच्चा चाँद!
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    पूरा दुःख और आधा चाँद हिजर की शब और ऐसा चाँद,
    इतने घने बादल के पीछे कितना तनहा होगा चाँद;
    मेरी करवट पर जाग उठे नींद का कितना कच्चा चाँद,
    सेहरा सेहरा भटक रहा है अपने इश्क़ में सच्चा चाँद!
    ~ Parveen Shakir
  • धनक धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगा;<br/>
वो लम्स मेरे बदन को गुलाब कर देगा!<br/><br/>

धनक: इन्द्रधनुष<br/>
लम्स: स्पर्शUpload to Facebook
    धनक धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगा;
    वो लम्स मेरे बदन को गुलाब कर देगा!

    धनक: इन्द्रधनुष
    लम्स: स्पर्श
    ~ Parveen Shakir