Rahat Indori Hindi Shayari

  • एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो,</br>
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो;</br>
आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में,</br>
कूच का ऐलान होने को है तैयारी रखो!Upload to Facebook
    एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो,
    दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो;
    आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में,
    कूच का ऐलान होने को है तैयारी रखो!
    ~ Rahat Indori
  • न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा;</br>
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा!Upload to Facebook
    न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा;
    हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा!
    ~ Rahat Indori
  • घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया;</br>
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!Upload to Facebook
    घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया;
    घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!
    ~ Rahat Indori
  • बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर;<br/>
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ!Upload to Facebook
    बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर;
    जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ!
    ~ Rahat Indori
  • अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,<br/>
फिर भी मशहूर हैं, शहरों में फ़साने मेरे;<br/>
ज़िंदगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,<br/>
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे|Upload to Facebook
    अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
    फिर भी मशहूर हैं, शहरों में फ़साने मेरे;
    ज़िंदगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
    अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे|
    ~ Rahat Indori
  • गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं;<br/>
मैं आ गया हूँ, बता इंतज़ाम क्या क्या हैं;<br/>
फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं;<br/>
तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या है।Upload to Facebook
    गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं;
    मैं आ गया हूँ, बता इंतज़ाम क्या क्या हैं;
    फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं;
    तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या है।
    ~ Rahat Indori
  • सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें;<br/>
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें;<br/>
शाखों से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम;<br/>
आँधियों से कोई कह दे कि औकात में रहें।Upload to Facebook
    सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें;
    जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें;
    शाखों से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम;
    आँधियों से कोई कह दे कि औकात में रहें।
    ~ Rahat Indori
  • आँखों में पानी रखो, होंठो पे चिंगारी रखो;<br/>
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो;<br/>
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें;<br/>
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो।Upload to Facebook
    आँखों में पानी रखो, होंठो पे चिंगारी रखो;
    जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो;
    राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें;
    रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो।
    ~ Rahat Indori
  • जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए;<br/>
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए;<br/>
दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया;<br/>
फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए।Upload to Facebook
    जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए;
    काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए;
    दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया;
    फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए।
    ~ Rahat Indori
  • अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं;<br/>
पता चला हैं कि मेहमान आने वाले हैं।Upload to Facebook
    अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं;
    पता चला हैं कि मेहमान आने वाले हैं।
    ~ Rahat Indori