Saqi Faruqi Hindi Shayari

  • प्यास बढ़ती जा रही है बहता दरिया देख कर;</br>
भागती जाती हैं लहरें ये तमाशा देख कर!Upload to Facebook
    प्यास बढ़ती जा रही है बहता दरिया देख कर;
    भागती जाती हैं लहरें ये तमाशा देख कर!
    ~ Saqi Faruqi
  • मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं;<br/>
एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है!Upload to Facebook
    मुझ में सात समुंदर शोर मचाते हैं;
    एक ख़याल ने दहशत फैला रखी है!
    ~ Saqi Faruqi
  • तुम और किसी के हो तो हम और किसी के;<br/>
और दोनों ही क़िस्मत की शिकायत नहीं करते।Upload to Facebook
    तुम और किसी के हो तो हम और किसी के;
    और दोनों ही क़िस्मत की शिकायत नहीं करते।
    ~ Saqi Faruqi