Sheikh Ibrahim Zauq Hindi Shayari

  • बेहतर तो है यही कि न दुनिया से दिल लगे;<br/>
पर क्या करें जो काम न बे-दिल-लगी चले!Upload to Facebook
    बेहतर तो है यही कि न दुनिया से दिल लगे;
    पर क्या करें जो काम न बे-दिल-लगी चले!
    ~ Sheikh Ibrahim Zauq
  • ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ;<br/>
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया!Upload to Facebook
    ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ;
    क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया!
    ~ Sheikh Ibrahim Zauq
  • ऐ ज़ौक़ देख दुख़्तर-ए-रज़ को न मुँह लगा,<br/>
छुटती नहीं है मुँह से ये काफ़र लगी हुई।Upload to Facebook
    ऐ ज़ौक़ देख दुख़्तर-ए-रज़ को न मुँह लगा,
    छुटती नहीं है मुँह से ये काफ़र लगी हुई।
    ~ Sheikh Ibrahim Zauq