मेरी नीम सी ज़िन्दगी शहद कर दे; कोई मुझे इतना चाहे की हद कर दे! |
मनाए दुनिया इक ही दिन जश्न मोहब्बत का; मेरी तो हर साँस तेरे इश्क से ही महकती है! |
इश्क उन्हें ही गुनाह लगता है साहेब, जिनके इरादों मे मिलावट होती है। |
तेरे पास में बैठना भी इबादत; तुझे दूर से देखना भी इबादत; न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा; तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत! |
यूँ तो कोई सबूत नहीं है कि तुम मेरे हो; ये दिल का रिश्ता तो बस यकीन से चलता है! |
ज़रा छू लु तुमको के मुझको यकीं आ जाये; लोग कहते है, मुझे साये से मोहब्बत है! |
तेरी आरज़ू में हमने बहारों को देखा; तेरी जुस्तजू में हमने सितारों को देखा; नहीं मिला इससे बढ़कर इन निगाहों को कोई; हमने जिसके लिए सारे जहान को देखा। |
रखना है तो फूलों को, तू रख ले निगाहों में; ख़ुशबू तो मुसाफ़िर है, खो जाएगी राहों में! |
न जाने क्या जादू है आपके पाक इश्क और अदाओं में; बेफ़िक्र हूँ ज़माने से और मसरूफ़ हूँ आपकी मोहब्बत में! |
आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद; बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता! |