मोहब्बत तो बस इक एहसास है; जिस से हो जाए बस वही खास है! |
मेरी पलकों की नमी इस बात की गवाह है; मुझे आज भी तुमसे मोहब्बत बेपनाह है! |
कल तुझसे बिछड़ने का फैंसला कर लिया था; आज अपने ही दिल को रिश्वत दे रहा हूँ! |
ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाई की; बड़े खुश नसीब हैं वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते! |
मुझ में बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं; तुम अगर चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो! |
ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैं; दिलों पर कब्जे तो बस प्यार और प्यार से मिलते हैं! |
हक़ीक़त हो तुम कैसे तुझे सपना कहूँ; तेरे हर दर्द को में अपना कहूँ; सब कुछ क़ुर्बान है मेरे प्यार पर; कौन है तेरे सिवा जिसे में अपना कहूँ! |
मिट्टी की बनी हूँ महक उठूंगी; बस तू इक बार बेइन्तहा 'बरस' के तो देख! |
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी; बताओ ना तुम इश्क करते हो या इलाज करते हो! |
इश्क़ कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से; एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं! |