हँसता हुआ चेहरा तन्हाई में रोता है, दिल कितना भी मजबूर क्यों न हो दर्द तो होता है; माना की दूर हैं हम आपसे मगर, दूरिओं से तो रिश्ता और भी मज़बूत होता है! |
उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये, मंजिल ऐसी हो जो जीना सिखलाये; जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे, रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें! |
ऐ जुनूँ फिर मिरे सर पर वही शामत आई; फिर फँसा ज़ुल्फ़ों में दिल फिर वही आफ़त आई! |
हमीं जब न होंगे तो क्या रंग-ए-महफ़िल; किसे देख कर आप शरमाइएगा! |
खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है, जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है; कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे, जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है! |
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है ये उठे सुबह चले; ये झुके शाम ढले मेरा जीना मेरा मरना इन ही पलकों के तले! |
बस तुम्हें पाने की तमन्ना नहीं रही; मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करते हैं! |
अपनी साँसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब में बुलाया है तुझे; क्यों न करें याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे! |
दिल की किताब में गुलाब उनका था, रात की नींद में ख्वाब उनका था; कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा, मर जायेंगे तुम्हारे बिना ये जवाब उनका था! |
आख़िर कुछ एख़्तियार हमारा भी हम पे है; मुमकिन है तुम बुलाओ हमें और न आयें हम! |