सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा; सिर्फ एक कदम बढा दो बाकी के फासले मैं खुद तय कर लूँगा। |
याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह; कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं। |
मैं नासमझ ही सही मगर वो तारा हूँ जो, तेरी एक ख्वाहिश के लिए सौ बार टूट जाऊं। |
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की, लम्हें तो खुद-ब-खुद मिल जाया करते हैं। |
तेरे उतारे हुए दिन पहन के, अब भी मैं, तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ। |
वजह पूछोगे तो उम्र गुजर जायेगी, कहा ना अच्छे लगते हो तो बस लगते हो। |
मैंने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से, मेरी किताबों से, मेरी यादों से पूछ इश्क किसे कहते हैं। |
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से, वो होता है, और होकर ही रहता है। |
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी, एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे। |
छुपे-छुपे से रहते हैं सरेआम नही हुआ करते, कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते। |