उसे कह दो अपनी ख़ास हिफाज़त किया करे, बेशक साँसें उसकी हैं मगर जान तो वो हमारी है। |
दिल से हर मामला कर के चले थे साफ़ हम, कहने में उनके सामने बात बदल गयी। |
किसी की क्या मज़ाल थी जो कोई हमें खरीद सकता; हम तो खुद ही बिक गए खरीददार देख कर। |
दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा; यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा; हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो; पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा। |
क्या अच्छा क्या बुरा क्या भला देखा; जब भी देखा तुझे अपने रु ब रु देखा; सोचा बहुत भूल कर ना सोचूंगा तुझे; जिस रात आँख लगी फिर तुझे हर ख्वाब में देखा। |
कल तेरा जिक्र हुआ महफ़िल में, और महफ़िल देर तक महकती रही। |
ऐ काश कुदरत का कहीं ये नियम हुआ करे, तुझे देखने के सिवा ना मुझे कोई काम हुआ करे। |
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना; जरा से भी चूक हुई तो मोहब्बत हो जायेगी। |
उनके लबो पर देखो फिर आज मेरा नाम आया है; लेकर नाम मेरा देखो महबूब आज कितना शरमाया है; पूछे मेरी ये आँखे उनसे कि कितनी मोहब्बत है मुझसे; बोले वो पलके झुका कि मेरी हर साँस में बस तू ही समाया है। |
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी; ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है। |