जब पास हों तो रुख से निगाहें ना मोड़ना; जब दूर हों तो मेरा तस्सावुर न छोड़ना; सोच लेना दिल लगाने से पहले एक बार; मुश्किल बहुत है निभाने रिश्ते, भूल कर भी कभी इनकी ज़ंजीरें ना तोडना। |
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं; दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं; नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर; फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं। |
आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते; होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते; कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको; कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते। |
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में; बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में; कभी यह दिल तोड़ कर मत जाना; हमने उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में। |
तेरी चुप्पी अगर तेरी कोई मज़बूरी है; तो रहने दे इश्क़ कौन सा ज़रूरी है। |
उनके ख्याल से ही जब इतनी सुहानी लगती है ये दुनिया; सोचो अगर वो साथ होंगे तब क्या बात होगी। |
होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह; तो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता। |
हर बार संभाल लूंगा गिरो तुम चाहो जितनी बार; बस एक ही इल्तिज़ा है कि मेरी नज़रों से ना गिरना तुम कभी। |
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन; ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे। |
वो कहते हैं मुझसे कोई और बात करो; लाऊँ कहाँ से बात अब उनकी बात के सिवा। |