गिला शिकवा Hindi Shayari

  • अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के;<br/>
उतरना दिल में है या दिल से उतरना है।Upload to Facebook
    अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के;
    उतरना दिल में है या दिल से उतरना है।
  • उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन;<br/>
कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है।Upload to Facebook
    उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन;
    कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है।
  • वो मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं;<br/>
काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।Upload to Facebook
    वो मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं;
    काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।
  • चाहत है या दिल्लगी या यूँ ही मन भरमाया है;<br/>
याद करोगे तुम भी कभी किससे दिल लगाया है।Upload to Facebook
    चाहत है या दिल्लगी या यूँ ही मन भरमाया है;
    याद करोगे तुम भी कभी किससे दिल लगाया है।
  • मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला;<br/>
अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।Upload to Facebook
    मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला;
    अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।
  • इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले;<br/>
वो क्या करें जो तुम से खफा हो नहीं सकते।Upload to Facebook
    इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले;
    वो क्या करें जो तुम से खफा हो नहीं सकते।
  • मैं मर भी जाऊँ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना;<br/>
मशरूफ़ सा शख्स है, कहीं उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये!Upload to Facebook
    मैं मर भी जाऊँ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना;
    मशरूफ़ सा शख्स है, कहीं उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये!
  • पल भर में टूट जाए वो कसम नहीं,<br/>
जो आपको को भूल जाए वो हम नहीं;<br/>
आप हमें भूल जाओ इस बात में भी दम नहीं,<br/>
क्योंकि आप हमें भूल जाओ इतने बुरे हम नहीं!Upload to Facebook
    पल भर में टूट जाए वो कसम नहीं,
    जो आपको को भूल जाए वो हम नहीं;
    आप हमें भूल जाओ इस बात में भी दम नहीं,
    क्योंकि आप हमें भूल जाओ इतने बुरे हम नहीं!
  • दर्द गैरों को सुनाने की ज़रूरत क्या है, अपने साथ औरों को रुलाने की ज़रूरत क्या है;<br/>
वक्त यूँ ही कम है मोहब्बत के लिए, रूठकर वक्त गंवाने की ज़रूरत क्या है!Upload to Facebook
    दर्द गैरों को सुनाने की ज़रूरत क्या है, अपने साथ औरों को रुलाने की ज़रूरत क्या है;
    वक्त यूँ ही कम है मोहब्बत के लिए, रूठकर वक्त गंवाने की ज़रूरत क्या है!
  • तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी;<br/>
कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।Upload to Facebook
    तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी;
    कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।