मसरूफ़ हैं यहाँ लोग, दूसरों की कहानियाँ जानने में, इतनी शिद्दत से ख़ुद को अगर पढ़ते, तो ख़ुद़ा हो जाते| |
अच्छा है तुम्हारा दिल जो खवाबोे में मान जाता है; एक कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है। |
मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं; मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है। |
मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं, दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है। |
बेशक महसूस नहीं होती, तुम्हें नजदीकिया मेरी, मगर फिर भी मेरी आंखों ने, हर रोज तुम्हें छुआ हैं करीब से! |
क्यों कोशिश करते हो दिल-ए-नादान सबको खुश रखने की; यहा कुछ लोगों की नाराजगी भी जरुरी होती है चर्चे में बने रहने के लिए! |
नाकाम हुए हम दोनों बहुत ही बुरी तरह से; तुम हमें चाह ना सके और हम तुम्हें भूला ना सके! |
जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है `साहिब`; फिक्र में होते है तो, खुद जलते हैं, बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है! |
मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं, दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है। |
अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया, तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा! |