तेज़-रफ़्तार हवाओं को ये एहसास कहाँ; शाख़ से टूटेगा पत्ता तो किधर जाएगा! |
इस 'नहीं' का कोई इलाज नहीं; रोज़ कहते हैं आप आज नहीं! |
यूँ ही एक छोटी सी बात पे ताल्लुकात पुराने बिगड़ गये; मुद्दा ये था कि सही "क्या" है और वो सही "कौन" पर उलझ गये! |
दाम अक्सर ऊंचे होते हैं ख़्वाहिशों के; मगर खुशियां हरगिज़ महंगी नहीं होती! |
उलझे हुए हैं अपनी उलझनों मे आज कल; आप ये न समझना के अब वो लगाव नहीं रहा! |
मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की; हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे! |
मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था; उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे! |
मेरा झुकना, और तेरा खुदा हो जाना; यार, अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना! |
दुनिया भी कितनी अजीब जगह है; जब चलना नही आता था, तब कोई गिरने नही देता था; और जबसे चलना सिखा है, कदम कदम पर लोग गिराना चाहते है! |
सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे; जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की; प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ; रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की! |