दर्द Hindi Shayari

  • खुदा जाने कौन सा गुनाह कर बैठे हैं हम,<br/>
कि तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल  रहे हैं!Upload to Facebook
    खुदा जाने कौन सा गुनाह कर बैठे हैं हम,
    कि तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे हैं!
  • धड़कन बनके जो दिल में समा गए हैं, हर एक पल उनकी याद में बिताते हैं;<br/>
आँसू निकल आये जब वो याद आ गए, जान निकल जाती है जब वो रूठ जाते हैं।Upload to Facebook
    धड़कन बनके जो दिल में समा गए हैं, हर एक पल उनकी याद में बिताते हैं;
    आँसू निकल आये जब वो याद आ गए, जान निकल जाती है जब वो रूठ जाते हैं।
  • खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है;<br/>
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते!Upload to Facebook
    खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है;
    कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते!
  • मोहब्बत से, इनायत से, वफ़ा से चोट लगती है,<br/>
बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है;<br/>
मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ,<br/>
तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है!Upload to Facebook
    मोहब्बत से, इनायत से, वफ़ा से चोट लगती है,
    बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है;
    मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ,
    तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है!
  • दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ;<br/>
सुना है दर्द बहुत देर तक साथ रहता है!Upload to Facebook
    दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ;
    सुना है दर्द बहुत देर तक साथ रहता है!
  • ख्वाहिशों का आदी दिल काश ये समझ सकता;<br/>
कि साँस टूट जाती है इक आस टूट जाने से!Upload to Facebook
    ख्वाहिशों का आदी दिल काश ये समझ सकता;
    कि साँस टूट जाती है इक आस टूट जाने से!
  • काँच के दिल थे जिनके उनके दिल टूट गए:<br/>
हमारा दिल था मोम का पिघलता ही चला गया!Upload to Facebook
    काँच के दिल थे जिनके उनके दिल टूट गए:
    हमारा दिल था मोम का पिघलता ही चला गया!
  • कभी तो आओ मेरी मोहब्बत भरी शायरियां पढ़ने;<br/>
दिल हार कर ही जाओगे, ये वादा है मेरा!Upload to Facebook
    कभी तो आओ मेरी मोहब्बत भरी शायरियां पढ़ने;
    दिल हार कर ही जाओगे, ये वादा है मेरा!
  • कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते<br/>
तुम एक बार खैरियत पूछ कर तो देखो!Upload to Facebook
    कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
    तुम एक बार खैरियत पूछ कर तो देखो!
  • दर्द कितना खुशनसीब है मिलते ही अपनों की याद दिलाता है;<br/>
दौलत कितनी बदनसीब है मिलते ही लोग अपनों को  भूल जाते हैं!Upload to Facebook
    दर्द कितना खुशनसीब है मिलते ही अपनों की याद दिलाता है;
    दौलत कितनी बदनसीब है मिलते ही लोग अपनों को भूल जाते हैं!