दर्द Hindi Shayari

  • इस दिल को और बेकरार तो होना ही था;<br/>
किसी न किसी से उसे प्यार तो होना ही था!<br/>
तुम अपने आस्तीन में गर साँप पाल रहे हो;<br/>
आप को थौड़ा ख़बरदार तो होना ही था!Upload to Facebook
    इस दिल को और बेकरार तो होना ही था;
    किसी न किसी से उसे प्यार तो होना ही था!
    तुम अपने आस्तीन में गर साँप पाल रहे हो;
    आप को थौड़ा ख़बरदार तो होना ही था!
  • फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फ़ासले बढा दिए;<br/>
वरना सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है!
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    फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फ़ासले बढा दिए;
    वरना सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है!
  • मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं।<BR/>
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।Upload to Facebook
    मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं।
    मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।
  • ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें,<br/>
ख़्वाहिशें दफ़न करें, या चादर बड़ी करें!Upload to Facebook
    ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें,
    ख़्वाहिशें दफ़न करें, या चादर बड़ी करें!
  • खामोशियाँ ही बेहतर हैं जिंदगी के सफर में;<br/>
लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये!Upload to Facebook
    खामोशियाँ ही बेहतर हैं जिंदगी के सफर में;
    लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये!
  • दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,<br/>
आखिर इस दर्द की दवा क्या है,<br/> 
हमको उनसे है उम्मीद वफ़ा की,<br/> 
जो जानते ही नहीं वफ़ा क्या है।Upload to Facebook
    दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,
    आखिर इस दर्द की दवा क्या है,
    हमको उनसे है उम्मीद वफ़ा की,
    जो जानते ही नहीं वफ़ा क्या है।
  • सुना है इस महफिल में शायर बहुत हैं,<br/>
कुछ हमें भी सुनाओ, आज हम घायल बहुत हैं!Upload to Facebook
    सुना है इस महफिल में शायर बहुत हैं,
    कुछ हमें भी सुनाओ, आज हम घायल बहुत हैं!
  • तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,<br/> 
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।Upload to Facebook
    तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
    काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
  • आइने और दिल का बस एक ही फसाना है,<br/>
टूट कर एक दिन दोनों को बिखर जाना है।Upload to Facebook
    आइने और दिल का बस एक ही फसाना है,
    टूट कर एक दिन दोनों को बिखर जाना है।
  • शब्द तो यदा-कदा, चुभते ही रहते हैं,<BR/>
मौन चुभ जाए किसी का तो सम्भल जाना चाहिए!
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    शब्द तो यदा-कदा, चुभते ही रहते हैं,
    मौन चुभ जाए किसी का तो सम्भल जाना चाहिए!