दर्द Hindi Shayari

  • कितना और बदलूँ खुद को, जीने के लिए ऐ ज़िन्दगी;<br />
मुझमें थोडा सा तो मुझको बाकी रहने दे।Upload to Facebook
    कितना और बदलूँ खुद को, जीने के लिए ऐ ज़िन्दगी;
    मुझमें थोडा सा तो मुझको बाकी रहने दे।
  • एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,<br />
वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल से होती है।Upload to Facebook
    एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
    वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल से होती है।
  • ज़रूरी तो नहीं था हर चाहत का मतलब इश्क़ हो;<br />
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए दिल बेचैन हो जाता है।Upload to Facebook
    ज़रूरी तो नहीं था हर चाहत का मतलब इश्क़ हो;
    कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए दिल बेचैन हो जाता है।
  • हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं;<br />
मगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकले।Upload to Facebook
    हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं;
    मगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकले।
  • दर्द से हम अब खेलना सीख गए;<br />
बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए;<br />
क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा;<br />
मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।  Upload to Facebook
    दर्द से हम अब खेलना सीख गए;
    बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए;
    क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा;
    मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।
  • हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख गुलशन की;<br />
कि हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना।Upload to Facebook
    हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख गुलशन की;
    कि हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना।
    ~ Aziz Indori
  • ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह;<br />
तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद। Upload to Facebook
    ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह;
    तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद।
  • मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी;<br />
उस दौर से गुज़र रहा हूँ जो गुज़रता ही नहीं।Upload to Facebook
    मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी;
    उस दौर से गुज़र रहा हूँ जो गुज़रता ही नहीं।
  • तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायें;<br />
वही आँसू, वही आहें, वही ग़म है जिधर जायें;<br />
कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता;<br />
वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जायें जिधर जायें।Upload to Facebook
    तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायें;
    वही आँसू, वही आहें, वही ग़म है जिधर जायें;
    कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता;
    वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जायें जिधर जायें।
  • सब कुछ बदला बदला था जब बरसो बाद मिले;<br />
हाथ भी न थाम सके वो इतने पराये से लगे।Upload to Facebook
    सब कुछ बदला बदला था जब बरसो बाद मिले;
    हाथ भी न थाम सके वो इतने पराये से लगे।