अपनी ख़ुद्दारी तो पामाल नहीं कर सकते; उस का नंबर है मगर काल नहीं कर सकते! |
गुज़रे हैं आज इश्क़ में कुछ ऐसे मुकाम से; वो छोड़ गए हमको बस ज़रा सी सर्दी ज़ुकाम से! |
मिजाज़ ए इश्क़ होम्योपैथिक है उनका, ना सुइयाँ, ना बोतल, ना एक्सरे, ना दाखिला; हम दर्द बयाँ करते रहे और वो मीठी गोलियाँ देते रहे! |
कितना शरीफ शख्स है पत्नी पर फिदा है, कितना शरीफ शख्स है पत्नी पर फिदा है; और उस पर यह गज़ब की अपनी पर फिदा है! |
वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे "सीने में दिल" ही नहीं; दिल का दौरा" क्या पड़ा, ये दाग भी धुल गया! |
अर्ज़ किया है: वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो; ज़रा गौर फरमाइये: वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो; बड़ा ज़िद्दी है ये कमीना, पहले कुत्ते की तरह घसीटो। |
हमारे ऐतबार की हद ना पूछ ग़ालिब; उसने दिन को रात कहा और हमने पैग बना लिया। |
तुम्हे जब देखा हमने तो यह ख्याल आया; बड़ी जल्दी में रब था जब तुमको बनाया; तुम्हे जब देखा रब ने तो वो भी घबराया; बनाना क्या था मुझको है मैंने क्या बनाया। |
वो ज़हर देकर मारते तो दुनिया की नज़र में आ जाते; अंदाजे कत्ल तो देखो मोहब्बत करके हमसे शादी ही कर ली। |
शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; चुपचाप सुन लो नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे; क्योंकि मेरे पास है छुरी! |