ना जाने किस रैन बसेरे की तलाश है इस चाँद को; रात भर बिना कम्बल, भटकता रहता है इन सर्द रातों में! |
कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इंतज़ार का मंजर भी; जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसू बहायेंगे! |
इंतजार अक्सर वही अधूरे रह जाते हैं; जो बहुत शिद्दत से किए जाते हैं! |
कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा! |
एहसास-ए-मोहब्बत के लिए बस इतना ही काफी है; तेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं! |
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँ; पीछे जब भी मुड़ कर देखता हूँ तो मेरा साया भी मुँह फेर लेता है। |
कब उनकी आँखों से इज़हार होगा, दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा, गुज़र रही हे रात उनकी याद में, कबि तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा! |
वो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगे, शब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने। |
दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझ से मिलने के, न दिल ठहरता है न इंतज़ार रुकता है। |
है ख़ुशी इंतज़ार की हर दम, मैं ये क्यों पूछूं कब मिलेंगे आप। |