मोहब्बत वो हसीं गुनाह है जो हर इंसान ख़ुशी ख़ुशी करता है, मोहब्बत में इंतज़ार वो सज़ा है जो वही सहता है जो सच्ची मोहब्बत करता है। |
टूट गया दिल पर अरमां वही है; दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है; जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे; फिर भी इन आँखों में इंतज़ार वही है। |
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं; वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं; झूठा ही सही मेरे यार का वादा; हम सच मान कर ऐतबार करते हैं। |
पल-पल इंतज़ार किया एक पल के लिए; वो पल आया भी तो एक पल के लिए; अब तो हर पल इंतज़ार है उस पल के लिए; कि वो पल आये फिर से एक पल के लिए। |
वफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना है; वो सच कहें या ना कहें बस ऐतबार करना है; यह तुझको जागते रहने का शौंक कबसे हो गया; मुझे तो खैर बस तेरा इंतज़ार करना है। |
ना जाने कब तक ये आँखें उसका इंतज़ार करेंगी; उसकी याद में कब तक खुद को बेक़रार करेंगी; उसे तो एहसास तक नहीं इस मोहब्बत का यारो; ना जाने कब तक यह धड़कन उसका ऐतबार करेगी। |
बेवफाई का डर था तो प्यार क्यों किया; तनहाई का डर था तो इकरार क्यों किया; मुझसे मौत भी पूछेगी आने से पहले; कि जब पता था वो नहीं आने वाले; फिर भी तुमने उनका इंतजार क्यों किया। |
उसके इंतज़ार के मारे हैं हम; बस उसकी यादों के सहारे हैं हम; दुनिया जीत के करना क्या है अब; जिसे दुनिया से जीतना था उसी से हारे हैं हम। |
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें; अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें। |
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल करता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ। |