कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा! |
अजब पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की इन लकीरों में; सफर तो लिखा है मगर मंज़िलों का निशान नहीं! |
एहसास-ए-मोहब्बत के लिए बस इतना ही काफी है; तेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं! |
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँ; पीछे जब भी मुड़ कर देखता हूँ तो मेरा साया भी मुँह फेर लेता है। |
कब उनकी आँखों से इज़हार होगा, दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा, गुज़र रही हे रात उनकी याद में, कबि तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा! |
वो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगे, शब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने। |
दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझ से मिलने के, न दिल ठहरता है न इंतज़ार रुकता है। |
है ख़ुशी इंतज़ार की हर दम, मैं ये क्यों पूछूं कब मिलेंगे आप। |
मोहब्बत वो हसीं गुनाह है जो हर इंसान ख़ुशी ख़ुशी करता है, मोहब्बत में इंतज़ार वो सज़ा है जो वही सहता है जो सच्ची मोहब्बत करता है। |
टूट गया दिल पर अरमां वही है; दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है; जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे; फिर भी इन आँखों में इंतज़ार वही है। |