होंठो पर देखो फिर आज मेरा नाम आया है, लेकर नाम मेरा देखो महबूब कितना शरमाया है; पूछे उनसे मेरी आँखें कितना इश्क है मुझसे, पलकें झुकाके वो बोले कि मेरी हर साँस में बस तू ही समाया है। |
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है, आँख खुलते ही दिल में आपकी याद होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में, ये मेरे होंठों पे पहली फ़रियाद होती है। |
उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ, पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे; ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ, काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे। |
तुम हँसो तो खुशी मुझे होती है, तुम रूठी तो आँखें मेरी रोती हैं; तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है, महसूस करके देखो मोहब्बत ऐसी होती है! |
मिल जाएंगे तुमको और भी चाहने वाले दुनिया में; मगर कर न पाएगा कोई मुकाबला मोहब्बत का मेरी! |
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो; सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो! |
नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे हमेशा, पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे; बदल जाये तो बदले ये ज़माना सारा, हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे! |
क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता; चाहने वाले वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं, जहाँ कुछ लिखा नहीं होता! |
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी; फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी! |
तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको; ज़िन्दगी भर अपनी बाहों में यूँ ही क़ैद रखना मुझे! |