गिला शिकवा Hindi Shayari

  • मसरूफ़ हैं यहाँ लोग, दूसरों की कहानियाँ जानने में,<br/>
इतनी शिद्दत से ख़ुद को अगर पढ़ते, तो ख़ुद़ा हो जाते|Upload to Facebook
    मसरूफ़ हैं यहाँ लोग, दूसरों की कहानियाँ जानने में,
    इतनी शिद्दत से ख़ुद को अगर पढ़ते, तो ख़ुद़ा हो जाते|
  • अच्छा है तुम्हारा दिल जो खवाबोे में मान जाता है;<br/>
एक कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है।
Upload to Facebook
    अच्छा है तुम्हारा दिल जो खवाबोे में मान जाता है;
    एक कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है।
  • मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं;<br/>
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।
Upload to Facebook
    मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं;
    मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है।
  • मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,<br/>

दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
Upload to Facebook
    मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,
    दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
  • बेशक महसूस नहीं होती, तुम्हें नजदीकिया मेरी,<br/>
मगर फिर भी मेरी आंखों ने, हर रोज तुम्हें छुआ हैं करीब से!Upload to Facebook
    बेशक महसूस नहीं होती, तुम्हें नजदीकिया मेरी,
    मगर फिर भी मेरी आंखों ने, हर रोज तुम्हें छुआ हैं करीब से!
  • क्यों कोशिश करते हो दिल-ए-नादान सबको खुश रखने की;<br/>
यहा कुछ लोगों की नाराजगी भी जरुरी होती है चर्चे में बने रहने के लिए!Upload to Facebook
    क्यों कोशिश करते हो दिल-ए-नादान सबको खुश रखने की;
    यहा कुछ लोगों की नाराजगी भी जरुरी होती है चर्चे में बने रहने के लिए!
  • नाकाम हुए हम दोनों बहुत ही बुरी तरह से;<br/>
तुम हमें चाह ना सके और हम तुम्हें भूला ना सके!Upload to Facebook
    नाकाम हुए हम दोनों बहुत ही बुरी तरह से;
    तुम हमें चाह ना सके और हम तुम्हें भूला ना सके!
  • जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है `साहिब`;<br/>
फिक्र में होते है तो, खुद जलते हैं, बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है!Upload to Facebook
    जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है `साहिब`;
    फिक्र में होते है तो, खुद जलते हैं, बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है!
  • मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,<br/>
दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
Upload to Facebook
    मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,
    दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
  • अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया,<br/>
तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा!Upload to Facebook
    अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया,
    तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा!