गिला शिकवा Hindi Shayari

  • वक्त-वक्त की बात है;<br/>
कल जो रंग थे, आज दाग हो गये।Upload to Facebook
    वक्त-वक्त की बात है;
    कल जो रंग थे, आज दाग हो गये।
  • जरुरी नहीं है कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाए;<br/>
अंदाज बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है!Upload to Facebook
    जरुरी नहीं है कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाए;
    अंदाज बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है!
  • नजर से दूर रहकर भी किसी की सोच में रहना;<br/>
किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो!Upload to Facebook
    नजर से दूर रहकर भी किसी की सोच में रहना;
    किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो!
  • साफ़ दामन का दौर अब खत्म हुआ,<br/>
लोग अपने धब्बों पे गुरूर करने लगे!Upload to Facebook
    साफ़ दामन का दौर अब खत्म हुआ,
    लोग अपने धब्बों पे गुरूर करने लगे!
  • वजह की तलाश में, वक्त ना गवाया करो;<br/>
बेवजह, बेपरवाह, बेझिझक बस मुस्कुराया करो!Upload to Facebook
    वजह की तलाश में, वक्त ना गवाया करो;
    बेवजह, बेपरवाह, बेझिझक बस मुस्कुराया करो!
  • यहाँ हर कोई रखता है खबर, गैरों के गुनाहों की;<br/>
अजीब फ़ितरत है, कोई आइना नही रखता।Upload to Facebook
    यहाँ हर कोई रखता है खबर, गैरों के गुनाहों की;
    अजीब फ़ितरत है, कोई आइना नही रखता।
  • मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सके,<br/>
और कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम!Upload to Facebook
    मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सके,
    और कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम!
  • लोग आजकल के बड़े होशियार हो गये;<br/>
ये मत समझना तेरे तरफ़दार हो गये!Upload to Facebook
    लोग आजकल के बड़े होशियार हो गये;
    ये मत समझना तेरे तरफ़दार हो गये!
  • चाँद को अपनी चौकट पे सजाने की तमन्ना ना कर,<BR/>
ये जमाना तो आँखों से ख्वाब भी छीन लेता है!Upload to Facebook
    चाँद को अपनी चौकट पे सजाने की तमन्ना ना कर,
    ये जमाना तो आँखों से ख्वाब भी छीन लेता है!
  • फासला भी जरूरी है, चिराग रौशन करने वक्त;<br/>
तजुर्बा ये हुआ हाथ जल जाने के बाद।Upload to Facebook
    फासला भी जरूरी है, चिराग रौशन करने वक्त;
    तजुर्बा ये हुआ हाथ जल जाने के बाद।