गिला शिकवा Hindi Shayari

  • ठहाके छोड़ आये हैं अपने कच्चे घरों में हम;<br/>
रिवाज़ इन पक्के मकानों में बस मुस्कुराने का है!Upload to Facebook
    ठहाके छोड़ आये हैं अपने कच्चे घरों में हम;
    रिवाज़ इन पक्के मकानों में बस मुस्कुराने का है!
  • कुछ यूं हो रहा है आजकल रिश्तों में विस्तार;<br/>
जितना जिस से मतलब उतना उस से प्यार!
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    कुछ यूं हो रहा है आजकल रिश्तों में विस्तार;
    जितना जिस से मतलब उतना उस से प्यार!
  • मसला तो सिर्फ एहसासों का है, जनाब;<br/>
रिश्ते तो बिना मिले भी सदियां गुजार देते हैं!
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    मसला तो सिर्फ एहसासों का है, जनाब;
    रिश्ते तो बिना मिले भी सदियां गुजार देते हैं!
  • दुनिया देखते देखते कितनी बेगैरत हो गयी;<br/>
हम जरा सा क्या बदले, सबको हैरत हो गयी!Upload to Facebook
    दुनिया देखते देखते कितनी बेगैरत हो गयी;
    हम जरा सा क्या बदले, सबको हैरत हो गयी!
  • सफर-ए-जिन्दगी मेँ जब कोई, मुश्किल मकाम आया;<br/>
ना गैरोँ ने तवज्जो दी, ना अपना कोई काम आया!
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    सफर-ए-जिन्दगी मेँ जब कोई, मुश्किल मकाम आया;
    ना गैरोँ ने तवज्जो दी, ना अपना कोई काम आया!
  • मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें;<br/>
कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे!
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    मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें;
    कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे!
  • कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी;<br/>
सदियों रहा है दुश्मन दौरे -जमाँ हमारा!Upload to Facebook
    कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी;
    सदियों रहा है दुश्मन दौरे -जमाँ हमारा!
  • वक्त-वक्त की बात है;<br/>
कल जो रंग थे, आज दाग हो गये।Upload to Facebook
    वक्त-वक्त की बात है;
    कल जो रंग थे, आज दाग हो गये।
  • जरुरी नहीं है कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाए;<br/>
अंदाज बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है!Upload to Facebook
    जरुरी नहीं है कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाए;
    अंदाज बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है!
  • नजर से दूर रहकर भी किसी की सोच में रहना;<br/>
किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो!Upload to Facebook
    नजर से दूर रहकर भी किसी की सोच में रहना;
    किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो!