दर्द Hindi Shayari

  • दर्द ही दर्द है दिल में बयान कैसे करें,<br/> 
ज़िंदगी ग़मों की गुलाम रिहा कैसे करें,<br/> 
यूँ तो हमें हमारे दिल ने धोखे दिए बहुत,<br/>  
पर अपने दिल से हम दगा कैसे करें। Upload to Facebook
    दर्द ही दर्द है दिल में बयान कैसे करें,
    ज़िंदगी ग़मों की गुलाम रिहा कैसे करें,
    यूँ तो हमें हमारे दिल ने धोखे दिए बहुत,
    पर अपने दिल से हम दगा कैसे करें।
  • रोज एक नई तकलीफ रोज एक नया गम;<br/>
ना जाने कब एलान होगा कि मर गए हम!
Upload to Facebook
    रोज एक नई तकलीफ रोज एक नया गम;
    ना जाने कब एलान होगा कि मर गए हम!
  • क्या फूलों की कतरन से बनें हैं तेरे लब;<br/>
थके हैं मेरे होंठ इन्हें आराम चाहिये!Upload to Facebook
    क्या फूलों की कतरन से बनें हैं तेरे लब;
    थके हैं मेरे होंठ इन्हें आराम चाहिये!
  • शिकवे आँखों से गिर पड़े वरना;<br/>
होठों से शिकायत कब की हमने!Upload to Facebook
    शिकवे आँखों से गिर पड़े वरना;
    होठों से शिकायत कब की हमने!
  • मैं एक शब्द हूँ कागज़ पर बिखरा हुआ;<br/>
तुम विरह की एक अंतहीन कविता हो!
Upload to Facebook
    मैं एक शब्द हूँ कागज़ पर बिखरा हुआ;
    तुम विरह की एक अंतहीन कविता हो!
  • जख्म नया क्या दोगे;<br/>
पुराना ही खुरच दो न!Upload to Facebook
    जख्म नया क्या दोगे;
    पुराना ही खुरच दो न!
  • बंजर नहीं हूं मैं मुझमें बहुत सी नमी है,<br/>
दर्द बयां नही करता, बस इतनी सी कमी है!Upload to Facebook
    बंजर नहीं हूं मैं मुझमें बहुत सी नमी है,
    दर्द बयां नही करता, बस इतनी सी कमी है!
  • संभल कर चल नादान, ये इंसानों की बस्ती हैं;<br/>
ये रब को भी आजमा लेते हैंफिर तेरी क्या हस्ती हैं!Upload to Facebook
    संभल कर चल नादान, ये इंसानों की बस्ती हैं;
    ये रब को भी आजमा लेते हैंफिर तेरी क्या हस्ती हैं!
  • उसने मुझसे ना जाने क्यों ये दूरी कर ली,<br/>
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,<br/>
मेरे मुकद्दर में दर्द आया तो क्या हुआ,<br/>
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
Upload to Facebook
    उसने मुझसे ना जाने क्यों ये दूरी कर ली,
    बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
    मेरे मुकद्दर में दर्द आया तो क्या हुआ,
    खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
  • यारों कुछ तो जिक्र करो, उनकी क़यामत बाहों का,<br/>
जो सिमटते होंगें उनमे, वो तो मर जाते होंगे!Upload to Facebook
    यारों कुछ तो जिक्र करो, उनकी क़यामत बाहों का,
    जो सिमटते होंगें उनमे, वो तो मर जाते होंगे!