दर्द Hindi Shayari

  • झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया;<br/>
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते!Upload to Facebook
    झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया;
    इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते!
  • सब्र रखते हैं, बड़े ही सब्र से हम;<br/>
वरना ज़िंदगी जीना कोई आसान तो नहीं!Upload to Facebook
    सब्र रखते हैं, बड़े ही सब्र से हम;
    वरना ज़िंदगी जीना कोई आसान तो नहीं!
  • जब बेअसर से लगने लगें मन्नतों के धागे;<br/>
समझ लो अभी और बाकी है इम्तिहान इसके आगे!Upload to Facebook
    जब बेअसर से लगने लगें मन्नतों के धागे;
    समझ लो अभी और बाकी है इम्तिहान इसके आगे!
  • रूतबा ही अलग होता है उन आँखों का जिनके पास उनकी मोहब्बत होती है;<br/>
वरना कुछ क़तरे ही काफी होते हैं हमेशा किसी नज़र की वीरानी बता जाने को।Upload to Facebook
    रूतबा ही अलग होता है उन आँखों का जिनके पास उनकी मोहब्बत होती है;
    वरना कुछ क़तरे ही काफी होते हैं हमेशा किसी नज़र की वीरानी बता जाने को।
  • ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की;<br/>
मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था, तो मोहब्बत कैसे ना होती!Upload to Facebook
    ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की;
    मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था, तो मोहब्बत कैसे ना होती!
  • दर्द को मुस्कुराकर सहना क्या सीख लिया;<br/>
सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती।Upload to Facebook
    दर्द को मुस्कुराकर सहना क्या सीख लिया;
    सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती।
  • हमनें दुनिया में मोहब्बत का असर ज़िंदा किया है;<br/>
हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया है।Upload to Facebook
    हमनें दुनिया में मोहब्बत का असर ज़िंदा किया है;
    हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया है।
  • मेरे सजदों में कमी तो न थी ऐ खुदा;<br/>
या मुझ से भी बढ़कर किसी ने माँगा था उसको।Upload to Facebook
    मेरे सजदों में कमी तो न थी ऐ खुदा;
    या मुझ से भी बढ़कर किसी ने माँगा था उसको।
  • दिल की बर्बादियों पे नाज़ाँ हूँ;<br/>
फ़तेह पा कर शिकस्त खाई है।
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    दिल की बर्बादियों पे नाज़ाँ हूँ;
    फ़तेह पा कर शिकस्त खाई है।
    ~ Shakeel Badayuni
  • अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें;<br/>
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं।Upload to Facebook
    अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें;
    कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं।
    ~ Jaan Nisar Akhtar