दर्द Hindi Shayari

  • आज अचानक तेरी याद ने मुझे रुला दिया,<br/>
क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया,<br/>
न करती वफ़ा न मिलती ये सज़ा,<br/>
शायद मेरी वफ़ा ने ही तुझे बेवफा बना दिया।Upload to Facebook
    आज अचानक तेरी याद ने मुझे रुला दिया,
    क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया,
    न करती वफ़ा न मिलती ये सज़ा,
    शायद मेरी वफ़ा ने ही तुझे बेवफा बना दिया।
  • कभी कोई अपना अनजान हो जाता है,<br/>
कभी अनजान से प्यार हो जाता है,<br/>
ये जरुरी नही कि जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो,<br/>
दिल तोड़ने वालो से भी प्यार हो जाता है।Upload to Facebook
    कभी कोई अपना अनजान हो जाता है,
    कभी अनजान से प्यार हो जाता है,
    ये जरुरी नही कि जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो,
    दिल तोड़ने वालो से भी प्यार हो जाता है।
  • ना जाने क्या कहा था डूबने वाले ने समंदर से,<br/>
कि लहरें आज तक साहिल पे अपना सर पटकती हैं।Upload to Facebook
    ना जाने क्या कहा था डूबने वाले ने समंदर से,
    कि लहरें आज तक साहिल पे अपना सर पटकती हैं।
  • मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता,<br/>
वो शब निकले, मैं सुब से निकलूँ साज़ो श्रृंगार में।Upload to Facebook
    मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता,
    वो शब निकले, मैं सुब से निकलूँ साज़ो श्रृंगार में।
    ~ Raaz Dadwal
  • ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस में नहीं;<br />
दिल वो पैमाना है जो कभी भरता ही नहीं।Upload to Facebook
    ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस में नहीं;
    दिल वो पैमाना है जो कभी भरता ही नहीं।
  • मेरी फितरत मे नही है किसी से नाराज होना,<br />
नाराज वो होते है जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।Upload to Facebook
    मेरी फितरत मे नही है किसी से नाराज होना,
    नाराज वो होते है जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।
  • बिछड़ के तुम से ज़िन्दगी सज़ा लगती है;<br />
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है;<br />
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे मैं;<br />
ज़ख्मो को मेरे जब तेरे शहर की हवा लगती है।Upload to Facebook
    बिछड़ के तुम से ज़िन्दगी सज़ा लगती है;
    यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है;
    तड़प उठता हूँ दर्द के मारे मैं;
    ज़ख्मो को मेरे जब तेरे शहर की हवा लगती है।
  • आयें हैं उसी मोड पे लेकिन अपना नही यहाँ अब कोई;<br />
इस शहर ने इस दीवाने को ठुकराया है बार-बार,<br />
माना कि तेरे हुस्न के काबिल नही हूँ मैं,<br />
पर यह कमबख्त इश्क तेरे दर पे हमें लाया है बार-बार।Upload to Facebook
    आयें हैं उसी मोड पे लेकिन अपना नही यहाँ अब कोई;
    इस शहर ने इस दीवाने को ठुकराया है बार-बार,
    माना कि तेरे हुस्न के काबिल नही हूँ मैं,
    पर यह कमबख्त इश्क तेरे दर पे हमें लाया है बार-बार।
  • जाने क्या था जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है,<br />
यादें कंकर फेंक रही हैं और दिल अंदर से टूट रहा है।Upload to Facebook
    जाने क्या था जाने क्या है जो मुझसे छूट रहा है,
    यादें कंकर फेंक रही हैं और दिल अंदर से टूट रहा है।
  • कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम;<br />
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम;<br />
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमें;<br />
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम;Upload to Facebook
    कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम;
    जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम;
    यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमें;
    मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम;